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बस, कुछ यूँही कर देते है


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बस, कुछ ज़ज्बात ज़ाहिर कर देते हैं

बस, कुछ अल्फाज़ के मोती बिखेर देते है

बस, कुछ सोच की इन्तेहा कर देते है

बस, कुछ मुस्कराहटे फैला देते है

बस, कुछ महफ़िल सजी हे, बोल देते है

बस, कुछ नए रंग उड़ेल देते है

बस, कुछ अपने नशेमन से निकल देते है

बस, कुछ आपके इज़हार का इक़रार कर देते है

बस, कुछ हे जो मरहम लगा देते है

बस, कुछ ज़ख्म फिर भी हम छोड़ देते है

 
 
 

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